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Friday, June 5, 2009

भविष्य

दुनिया बहुत बड़ी है,
प्राकृतिक संसाधन बहुत कम है ;
हमारे लिए भविष्य ने क्या बचा रखा है;
धुएं से भरा आकाश और जमीन पर जहर उगल रहे मशीन;
सांस लेने में घुटन और बीमार दुनिया !

जो मैं आज कर सकता हूँ,
क्या मैं वो सब कुछ कल भी कर पाउँगा?
क्या मैं हरी भरी दुनिया कल भी देख पाउँगा;
क्या होगा जब धरती पर एक भी पेड़ नहीं होंगे;
जंगली जानवर और नदी में पानी नहीं होंगे;
एक वीरान दुनिया, शमसान नहीं हो जायेगी?