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Friday, April 1, 2011

माँ और महबूब

मेरे महबूब मैं और रुक नहीं सकता:
रात होने को आई है और माँ रास्ता देखती होगी!
तुम आई हो अभी अभी,
माँ तो है मेरे जन्म से पहले कही!

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